आजकल माइग्रेन के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। लेकिन इस बीमारी का कारण क्या है ये आज तक पता नहीं लग पाया है। लेकिन अगर माता या पिता में किसी को माइग्रेन की शिकायत रही है तो यह संभव है कि बच्चे भी इसकी चपेट में आ जाएं।

माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जिसमें सिर में तेज दर्द और भारीपन रहता है। कई बार माइग्रेन की वजह से लोगों को उल्टी, चक्कर आना, झुनझुनी लगना, शरीर का कोई हिस्सा सुन्न हो जाना और तेज आवाज व रौशनी में दिक्कत जैसी समस्याएं होने लगती है।
डॉक्टर्स की माने तो ब्रेन में मौजूद कैमिकल सेरोटोनिन जब निश्चित लेवल से कम होने लगते हैं तब माइग्रेन ट्रिगर करता है। इसके अलावा, तेज रौशनी में ज्यादा देर तक रहना, अत्यधिक गर्मी, डीहाइड्रेशन, बोरोमेट्रिक प्रेशर में बदलाव, हार्मोनल चेंज, प्रेगनेंसी, महिलाओं में पीरिएड, अत्यधिक स्ट्रेस, तेज आवाज, सोने की कमी, अल्कोहल का सेवन, स्मोकिंग आदि इसकी वजह हो सकती है।

अगर आप भी क्रोनिक माइग्रेन से परेशान है तो डॉक्टर की सलाह के साथ कुछ घरेलू उपाय है जिनको अपनाकर आप माइग्रेन से राहत पा सकते हैं।
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बर्फ
जब भी माइग्रेन का दर्द उठे, बर्फ के चार क्यूब्स को रूमाल में लपेटकर इसे सिर पर रखें। करीब 15 मिनट तक ऐसा करें। इससे आपको सिरदर्द में काफी आराम महसूस होगा।
गुड़ -दूध
माइग्रेन में दूध और गुड़ भी काफी मदद करते हैं। रोज सुबह खाली पेट छोटा सा गुड़ का टुकड़ा मुंह में रखें और ठंडे दूध के साथ इसे पी जाएं। रोज सुबह इसके सेवन से माइग्रेन के दर्द में काफी आराम मिलता है।
लौंग
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लौंग को आयुर्वेदिक औषधी में गिना जाता है। लौंग के पाउडर में नमक मिलाकर इसे दूध के साथ पी लें।
तेज रोशनी
तेज रोशनी से भी माइग्रेन का दर्द होता है। ऐसे में माइग्रेन की समस्या होने पर तेज रोशनी से जितना हो सके, बचना चाहिए।